डेहरी शहर के ऐतिहासिक धूप घड़ी को ले भागे चोर, छानबीन हेतु SIT टीम का हुआ गठन
डेहरी शहर के एनीकट में स्तिथ 150 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक धूप घड़ी में लगे त्रिकोणीय मेटल प्लेट को मंगलवार की रात चोरों ने चुरा लिया है। शहर का यह इलाका सबसे सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इस स्थल से महज 300 से 400 मीटर के दायरे में शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआईजी, जिले के एसपी, बीएसएपी-2 की कमांडेंट, एसडीपीओ एवं एसडीएम समेत तमाम प्रशासनिक पदाधिकारियों के आवास और कार्यालय मौजूद हैं।
ऐसे में अगर इतने सुरक्षित स्थान से ऐतिहासिक धूप घड़ी की चोरी हो जाता तो ये कहीं न कहीं प्रशासन की लापरवाही और चोरी करने वाले के बुलंद हौसले को साफ साफ दर्शाता है। आपको बता दें कि यह धूप घड़ी शहर एवं पुरे जिले का सबसे प्राचीन धरोहर में से एक है। इस धूप घड़ी के त्रिकोणीय प्लेट पर जब सूर्य के प्रकाश गिरता था तब इसके परछाई से लोगों को समय का ज्ञात होता था।
बुधवार के सुबह इसके चोरी होने के सुचना पुलिस को मिली और साथ ही सोशल मीडिया पर यह काफी तेजी से वायरल होने लगा। राष्ट्रीय स्तर पर भी टाइम्स ऑफ़ इंडिया, डीएनए, बीबीसी इंडिया एवं अहमदाबाद मिरर समेत कई प्रतिष्ठित मीडिया ने इस खबर का उल्लेख किया।
जिसके बाद से पुरे दिन तक रोहतास पुलिस अधीक्षक आशीष भारती से लेकर तमाम पुलिस पदाधिकारी घटना स्थल का जायजा लेने पहुंचें। इसके साथ साथ काफी संख्या में शहर के लोगों की भीड़ भी घटना स्थल मौजूद रही। करीबन दो घंटे बाद डॉग स्क्वॉड को घटना स्थल पर लाया गया घटना की जांच की गई पर कोई सुराग नहीं मिल सका।
धूप घड़ी के चोरी की जांच के लिए एसआईटी टीम का हुआ गठन, एफएसएल टीम भी घटना की जांच करेगी : रोहतास एसपी
रोहतास पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना के जांच हेतु आवश्यक कार्यवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि यहाँ तीन गार्डो की ड्यूटी होती है लेकिन मंगलवार की शाम से वो भी लापता है। उन्होंने जानकारी दी कि जांच हेतु एसआईटी टीम का गठन किया गया है और बारीकी से जांच करने के लिए आज गुरुवार को एफएसएल टीम को भी बुलाया गया है।
डेहरी शहर के ऐतिहासिक धरोहर के चोरी हो जाने से लोगों में आक्रोश
पिछले कुछ वर्षों में शहर के आम नागरिक से लेकर कई समाजसेवियों ने धूप घड़ी के सौंदर्यीकरण हेतु नगर परिषद् समेत सिंचाई विभाग को पत्राचार किया था लेकिन कोई भी ठोस कदम नहीं उठाने के कारण शहर से ऐतिहासिक धरोहर की चोरी हो गई है। चोरी के बाद लोगों में आक्रोश बढ़ गया है यहाँ तक कि घटना के बाद डेहरी के समाजसेवी शिव गाँधी घटना स्थल के पास धरणा पर बैठ गए।
वहीं डेहरी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष व टीम डेहरियंस के सस्दय बबल कश्यप ने बताया कि वो पुलिस प्रशासन को मेटल प्लेट की रिकवरी के लिए सात दिन का समय दिया है और अगर यह रिस्टोर नहीं हो पाता है तो आम जनता जवाबदेही तय करेगी और फिर धूप घड़ी के जीर्णोद्धार हेतु जो भी खर्च आएगा उसे डेहरी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स, CAIT-शाहाबाद व टीम डेहरियंस उठाएगी। इस मौके पर टीम डेहरियंस के सदस्य राहुल चौधरी, दीपक कुशवाहा, पवन मिश्रा समेत अन्य सदस्य मौजूद थे।
वहीं जनाधिकार पार्टी के डेहरी विधानसभा प्रत्याशी समीर कुमार ने बताया कि उन्होनें दो वर्ष पूर्व धूप घड़ी के जीर्णोद्धार हेतु सम्बंधित विभाग को पत्र लिख अनुमति माँगा था लेकिन न उन्हें अनुमति नहीं दी गई ना ही विभाग के द्वारा इसके जीर्णोद्धार के लिए कोई उचित कदम उठाया गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही और जनता की उदासीनता के कारण चोरों ने इस घटना को अंजाम दिया है।
उन्होंने डेहरी के वर्तमान जनप्रतिनिधियों पर तंज कसते हुआ कहा कि यहाँ के जनप्रतिनिधियों ने डेहरी से झूठे व खोखलें वादे किए है।
150 वर्ष पुराना है डेहरी के एनीकट स्तिथ प्राचीन धूप घड़ी का इतिहास
आपको बता दें कि आज से करीबन 150 साल पहले 1871 में अंग्रेजों ने सिंचाई विभाग में कार्यरत कामगारों को समय का ज्ञान कराने के लिए इस घड़ी का निर्माण कराया था जिसे एक चबूतरे पर स्थापित किया गया था। अंग्रेज़ों ने इस धूप घड़ी को कुछ इस प्रकार बनाया था कि अभी तक बिना किसी खास संरक्षण के बिल्कुल सही अवस्था में मौजूद था। स्थानीय एवं विदेशी पर्यटक भी यहाँ आते थे वो इस धूप घड़ी के बनावट को देखकर हैरान हो जाते थे ।
धूप घड़ी के इतिहास को विस्तार से पढ़ें : प्राचीन धूप धड़ी – डेहरी ऑन सोन शहर की ऐतिहासिक धरोहर
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