डेहरी ऑन सोन में स्तिथ है भारत की 5वीं सबसे लम्बी रेल ब्रिज
नेहरू सेतु (Nehru Setu bridge) बिहार के डेहरी ऑन सोन (रोहतास जिला) एवं सोन नगर (औरंगाबाद जिला) के बीच रेल ब्रिज है। इस ब्रिज की कुल लम्बाई 3.059 किलोमीटर (dehri on sone bridge length in km) है। इस ब्रिज का निर्माण सोन नदी पर किया गया था।
इस ब्रिज को Upper Sone Bridge के नाम से भी जाना जाता है। जिसे आप सीमेंट के बने नामपट्ट बने ट्रेन से आते -जाते समय सोन नदी के दोनों छोर पर देख सकते है।
यह रेल ब्रिज पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) जोन के पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल के डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन से लगभग 1.5 किलोमीटर पूर्व दिशा में बना हुआ है।
इस पुल के पश्चिमी छोर पर डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन है जबकि पूर्वी छोर पर सोन नगर रेलवे स्टेशन है।
हावड़ा-नई दिल्ली ग्रैंड कॉर्ड रेल लाइन पर सफर को आसान बनाने में इस ब्रिज की सबसे अहम भूमिका है| यह देश की सबसे व्यस्तम रेल लाइनों में से एक है।
नेहरू सेतु के 100 साल से अधिक समय होने के बाद ब्रिज की स्तिथि जर्जर होने के कारण इसे बंद कर दिया गया था और ठीक इसी के बगल में तीन ट्रैक वाली नए रेल ब्रिज का निर्माण किया था। फिलहाल इसी ब्रिज पर मालगाड़ी समेत सभी यात्री ट्रेनों का परिचालन होता है।
लेकिन इसके अतिरिक्त एक और नए रेल ब्रिज का निर्माण ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) के लिए किया गया है। जिसका इस्तेमाल सिर्फ मालगाड़ियों के आवागमन के लिए किया जाएगा।
यानि पुराने नेहरू सेतु के अलावा दो और रेल ब्रिज ठीक इसी के बगल में मौजूद है। नए नेहरू सेतु को डेहरी-सोन नगर ब्रिज या फिर अप्पर सोन ब्रिज (Upper Sone Bridge) के नाम से भी लोग जानते है।
पुरानी नेहरू सेतु रेल ब्रिज की मजबूती 93 खम्भों (पाया) और उसके ऊपर लोहे के गर्डर पर टिकी हुई थी। इस पुल को आदिम शैली की वास्तुकला में पत्थर और स्टील के साथ बनाया गया था। इस ब्रिज की लम्बाई 10,044 फ़ीट थी जिसमें एक खम्भे (पाया) से दूसरे खम्भे के बीच की दुरी 108 फ़ीट थी।
वर्तमान समय में इस ब्रिज के खम्भों को नए ब्रिज के बगल में देखा जा सकता है।
नेहरू सेतु रेल ब्रिज बिहार ही नहीं बल्कि पुरे भारत देश के महत्वपूर्ण शहरों, औद्योगिक क्षेत्रों एवं सभी महानगरों को एक दूसरे से जोड़ने के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण रेल ब्रिज है।
डेहरी ऑन सोन :- 3 ट्रेनों का परिचालन एक साथ करने वाली देश की एकमात्र रेल ब्रिज है नेहरू सेतु
देश में ऐसी कई रेल ब्रिज है जिस पर ट्रेनों का परिचालन होता है लेकिन एक ही ब्रिज पर एक साथ 3 ट्रेनों का परिचालन करने का गौरव सिर्फ नेहरू सेतु को ही प्राप्त है। इस ब्रिज पर तीनों ट्रैक पूरी तरीके से विद्युतीकृत है।
नेहरू सेतु, डेहरी ऑन सोन : निमार्ण के वक्त देश की सबसे लम्बी रेल ब्रिज का रिकॉर्ड इसी के नाम था
वर्तमान समय में भले ही यह भारत की पाँचवीं सबसे लम्बी रेल ब्रिज है लेकिन जब इस ब्रिज का निर्माण सन 1900 में हुआ था तब यह भारत का सबसे लम्बा रेल ब्रिज हुआ करता था और विश्व का दूसरा सबसे लम्बा रेल ब्रिज माना जाता था।
सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि इस विशालकाय और लम्बे पुल को मात्र तीन साल में तैयार कर लिया गया था। उस समय इस पुल को बनाने में 35 लाख रूपए की लागत लगी थी।
भारत के सबसे पुराने पुलों में से एक नेहरू सेतु को 27 फरवरी 1900 में ब्रिटिश सरकार द्वारा यातायात के लिए खोला गया था।
वर्ष 1900 से लेकर 2011 तक भारत की सबसे लम्बी रेल ब्रिज का गौरव नेहरू सेतु के नाम रहा इसके बाद वर्ष 2011 में वेम्बनाड झील के ऊपर वेम्बनाड रेल ब्रिज बनने के बाद नेहरू सेतु दूसरे स्थान पर खिसक गया।
वेम्बनाड रेल ब्रिज की कुल लम्बाई 4,620 मीटर है और यह कोच्चि, केरल में है। लेकिन वेम्बनाड रेल ब्रिज के पास भी सबसे देश की सबसे लम्बी रेल ब्रिज होने का गौरव सिर्फ 7 सात साल तक ही रहा।
वर्ष 2018 में अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर बोगिबिल रेल-सह-रोड (Rail-cum-Road) ब्रिज का निर्माण पूरा हुआ और वर्तमान समय में देश की सबसे लम्बी रेल ब्रिज का गौरव इसी के पास है।
भारत की पाँच सबसे लम्बी रेल ब्रिज
- बोगिबिल रेल-सह-रोड ब्रिज (4,940 मीटर), ब्रह्मपुत्र नदी, अरुणाचल प्रदेश
- वेम्बनाड रेल ब्रिज (4,620 मीटर), वेम्बनाड झील, केरल
- दीघा-सोनपुर रेल-सह-रोड ब्रिज (4,556 मीटर), गंगा नदी, बिहार
- मुंगेर गंगा रेल-सह-रोड ब्रिज (3,750 मीटर), गंगा नदी, बिहार
- नेहरू सेतु (3,059 मीटर), सोन नदी, बिहार
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