वार्ड पार्षदों ने डालमियानगर में चबूतरा निर्माण को अमान्य करार कर किया ‘विकास’ का विरोध

वार्ड पार्षदों ने डालमियानगर में चबूतरा निर्माण को अमान्य करार कर किया ‘विकास’ का विरोध

डेहरी-डालमियानगर नगर परिषद् क्षेत्र में तमाम विकास कार्यों के बीच डालमियानगर फील्ड में आमजनों के हित में कार्यपालक पदाधिकारी कुमार ऋत्विक जी के सौजन्य से चबूतरा का निर्माण किया गया था। जब इस चबूतरे का निर्माण हुआ था तब डालमियानगर के स्थानीय लोगों ने इसकी खूब प्रशंसा की थी और इस कार्य को सराहनीय बताया था। लेकिन बीते कल नगर परिषद् बोर्ड के बैठक में चबूतरा निर्माण कार्य को पार्षद संजीत कुमार समेत अन्य वार्ड पार्षदों ने इस कार्य को नियम के विरुद्ध बताया है।

जबकि वार्ड संख्या 9 के पार्षद प्रतिनिधि आकाश कुमार एवं वार्ड संख्या 3 के पार्षद रवि शेखर ने चबूतरा निर्माण जनकल्याणकारी कार्य बताया और विरोध करने वाले वार्ड पार्षदों के खिलाफ कड़ी आपत्ति दर्ज की है। डालमियानगर के 12 वार्ड पार्षदों में 7 वार्ड पार्षदों ने चबूतरा निर्माण कार्य को नियम संगत के विरुद्ध बताया है।

चबूतरा निर्माण कार्य का विरोध करने वाले वार्ड पार्षदों का कहना है कि इस कार्य को सशक्त समिति व बोर्ड के द्वारा बिना प्रस्ताव पास किए हुए किया गया था। इसीलिए नगर परिषद् बोर्ड बैठक में इसे अमान्य करार कर दिया गया है।

जनकल्याणकारी कार्य को अमान्य करार देकर विकास की राह का रोड़ा बन रहें है वार्ड पार्षद : स्थानीय निवासी

जबकि चबूतरा निर्माण को आमजनों के हित में बताते हुए आकाश कुमार और रवि शेखर ने विरोध करने वाले वार्ड पार्षदों के खिलाफ कड़ी आपत्ति दर्ज की है और बताया कि डालमियानगर के कुछ वार्ड पार्षद इस क्षेत्र को विकास से वंचित रखना चाहते है इसीलिए इस विकास कार्य का विरोध कर रहें है।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि विरोध करने वाले सभी वार्ड पार्षदों ने डालमियानगर क्षेत्र के विकास हेतु इतनी एकजुटता दिखाई होती तो आज डालमियानगर की स्तिथि कई गुना बेहतर होती।

डेहरी-डालमियानगर के निवासी जयंत राज, अवनीश दुबे, सम्राट यादव शशि शेखर समेत अन्य युवाओं का कहना है कि यदि कोई विकास कार्य आमजनों के हित में बिना प्रस्ताव पास किए हुए पूरा किया जाता है तो इसे अमान्य करार कर दिया जाना बिलकुल गलत है, क्योंकि इस कार्य को किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं किया गया है बल्कि आमजनों के हित में किया गया है।

डालमियानगर फील्ड में निर्मित चबूतरे पर बैठे हुए स्थानीय लोग

यदि यह कार्य गलत हुआ होता तो आम जनता द्वारा भी इसका विरोध किया जाता लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। बल्कि जब से चबूतरे का निर्माण हुआ तब से सुबह-शाम बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी यहाँ बैठते है कुछ पल अपने मित्रों के साथ वृक्ष की छाया में गुजारते है।

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