डेहरी-बंजारी रेल लाइन व डालमियानगर रेल कारखाना के लिए रेल बजट में मिलें मात्र एक-एक हजार रूपए
वित्तीय वर्ष 2023-24 में डेहरी अनुमंडल के लोगों को उम्मीद थी कि इस बार रेल बजट में डेहरी ऑन सोन-बंजारी रेल लाइन के निर्माण के लिए पर्याप्त राशि दी जाएगी। लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया गया है।
हालाँकि इस वित्तीय वर्ष बिहार राज्य को रेल बजट में 8505 करोड़ रूपए आवंटित हुए है लेकिन डेहरी ऑन सोन की दो महत्वपूर्ण परियोजना को मात्र दो हज़ार रूपए मिलें है वो भी इसलिए ताकि इस परियोजना को कागजों में जिन्दा रखा जा सकें।
डेहरी अनुमंडल के दक्षिणी क्षेत्र में रेल लाइन के निर्माण से इस क्षेत्र के ऐतिहासिक एवम धार्मिक पर्यटन स्थलों को बढ़ावा मिलने के साथ साथ आमलोगों का आवागमन सुखद व बेहद कम समय में तय होगा। औधोगिक और व्यापारिक तौर पर भी यह क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन इस बार भी रेल बजट में डेहरी-बंजारी रेल लाइन के लिए मात्र एक हजार रुपए ही आवंटित किया गया है।
वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण मांग डालमियानगर रेल कारखाना को स्थापित कराने के मामलें में भी आम लोगों को निराशा ही हाथ लगी है क्योंकि डालमियानगर में मालगाड़ी के डिब्बों के आवधिक ओवरहॉलिंग कारखाने के लिए भी मात्र एक हजार रुपए आवंटित किया गया है।
डेहरी-बंजारी रेल लाइन एवं डालमियानगर रेल कारखाना को फंड दिलाने में एक बार फिर से विफल रहें काराकाट सांसद, आम लोगों में भारी निराशा
17वीं लोकसभा में काराकाट सांसद महाबली सिंह के लगभग चार वर्ष पूर्ण होने को है अगले वर्ष 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होना है। लेकिन अभी तक मुख्य तौर पर डेहरी ऑन सोन क्षेत्र में विकास कार्य के मामलें में काराकाट सांसद की कोई भी खास उपलब्धि नहीं रही है।
डेहरी ऑन सोन की मुख्य मांगों को पूरा कराने में काराकाट सांसद पूरी तरीके से विफल रहें है। इस क्षेत्र की मुख्य मांगों में डालमियानगर रेल कारखाना को शुरू कराना, डेहरी बंजारी रेल लाइन का निर्माण कार्य एवम डीडीयू मंडल में गया डीडीयू के बाद सर्वाधिक राजस्व देने वाला डेहरी रेलवे स्टेशन पर विभिन्न ट्रेनों के ठहराव व बेहतर यात्री सुविधा प्रदान कराने जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल है।
लेकिन अभी तक उपरोक्त कार्यों के लिए नेतृत्व के द्वारा कोई भी सार्थक प्रयास नजर नहीं आया है जिसके फलस्वरूप इस क्षेत्र की आम जनता को निराशा और पछतावा के अतिरिक्त कुछ भी हाथ नहीं लगा है।
डेहरी-डालमियानगर की स्थानीय जनता का मानना है कि यह क्षेत्र पूरे तरीके से नेतृत्वविहीन हो चुकी है क्योंकि काराकाट संसदीय क्षेत्र के लोगों ने जिसको अपना नेता चुना है उनमें इच्छा शक्ति की भारी कमी दिखाई देती है। ऐसे में इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार का विकास कार्य हो पाना संभव नहीं नजर आ रहा है।
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