राजस्व में नंबर 1 और सुविधाओं में फिसड्डी साबित हो रहा है डेहरी रेलवे स्टेशन

राजस्व में नंबर 1 और सुविधाओं में फिसड्डी साबित हो रहा है डेहरी रेलवे स्टेशन

सुचना के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ खुलासा, एक बार फिर वित्तीय वर्ष 2021-22 में डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन राजस्व के मामले में गया और डीडीयू के बीच नंबर एक पर रहा है। जिससे यह साफ जाहिर होता है डेहरी अनुमंडल और आसपास के इलाकें के लोगों का सबसे पसंदीदा रेलवे स्टेशन डेहरी ऑन सोन ही है।

डेहरी निवासी इंद्रजीत कुमार ने आरटीआई के माध्यम से पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर से 1 मार्च 2021 से 31 मार्च 2022 तक पूर्व मध्य रेलवे के टॉप 30 रेलवे स्टेशन के राजस्व प्राप्ति का आंकड़ा मांगा था। जिसके जवाब में पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक ने बताया कि पूरे जोन में डेहरी ऑन सोन 17वें नंबर पर रहा, वहीं सासाराम 22 वें स्थान पर है।

गया-डीडीयू के बीच डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन ने दिया सर्वाधिक 29 करोड़ का राजस्व

आपको बता दें कि आरटीआई रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में राजस्व प्राप्ति के मामले में टॉप 30 स्टेशनों की सूची में डीडीयू मंडल के मात्र 4 स्टेशनों के नाम शामिल है। जिसमें पहले स्थान पर डीडीयू जं, दूसरे स्थान पर गया जं, तीसरे स्थान पर डेहरी ऑन सोन स्टेशन और चौथे स्थान पर सासाराम स्टेशन है।

अगर आंकड़ों की बात करें तो काफी कम ट्रेनों के ठहराव एवम सीमित यात्री सुविधाओं के बावजूद डेहरी ऑन सोन ने 29 करोड़ 9 लाख 54 हजार 815 रुपए का बंपर राजस्व दिया है। वहीं सासाराम ने 22 करोड़ 72 लाख 44 हजार 668 रुपए का राजस्व दिया है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि इतना अधिक राजस्व देने के बावजूद डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन पर कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव नहीं होता है। जिसमें मुख्य रूप से ट्रेन संख्या 12357/58 कोलकाता अमृतसर दुर्गियाना एक्सप्रेस, 12379/80 सियालदाह अमृतसर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, 12937/38 हावड़ा गांधीघाम गरबा एक्सप्रेस, 12349/50 गोड्डा नई दिल्ली हमसफर एक्सप्रेस, 11427/28 जसीडीह पुणे एक्सप्रेस, 12371/72 हावड़ा बीकानेर एक्सप्रेस, 15021/22 गोरखपुर शालीमार एक्सप्रेस और 18639/40 आरा रांची एक्सप्रेस शामिल है।

आश्चर्य की बात है कि उपरोक्त सभी ट्रेनों का ठहराव डेहरी ऑन सोन से कम राजस्व देने वाले स्टेशनों पर होता है। यदि ट्रेनों का ठहराव किसी भी स्टेशन पर राजस्व प्राप्ति के आधार पर तय किया जाता है तो आखिर किस आधार पर उपरोक्त ट्रेनें डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन पर नहीं रुकती है यह आम आदमी के समझ के बिल्कुल परे है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस आंकड़े से यह साफ साफ पता चल रहा है कि कहीं न कहीं रेलवे अधिकारियों द्वारा डेहरी ऑन सोन के साथ पक्षपात किया जा रहा है।

भारी राजस्व प्राप्ति के बावजूद डेहरी स्टेशन पर नहीं मिल रही है मूलभूत यात्री सुविधाएं

इसके अतिरिक्त यदि डेहरी ऑन सोन स्टेशन पर यात्री सुविधाओं की बात करें तो इस मामलें में भी बिल्कुल फिसड्डी है। वर्तमान समय तक डेहरी स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म को मानक स्तर के हिसाब से उच्चीकरण नहीं किया गया है। सभी प्लेटफॉर्म पर यात्री शेड की संख्या काफी कम है जिससे यात्रियों को गर्मी और बरसात की मार झेलनी पड़ती है। वहीं यात्रियों के बैठने के लिए बेंच भी अपर्याप्त है और जो बेंच है वो भी टूटे फूटे हालात में है। जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

डेहरी रेलवे स्टेशन का संकीर्ण टिकट घर सह प्रतीक्षालय
ब्रिटिश काल का बना हुआ प्रतीक्षालय सह टिकट का अभी तक नहीं सका है विस्तार

प्रतिदिन हज़ारों यात्रियों के आवागमन के बावजूद भी वेटिंग हॉल का विस्तार नहीं किया गया है जबकि वेटिंग हॉल काफी संकीर्ण और ब्रिटिश काल के समय का बना हुआ है। अभी तक डेहरी स्टेशन पर लिफ्ट/स्वचालित सीढ़ी के लिए टेंडर नहीं निकला नहीं गया है जबकि कम राजस्व देने वाले स्टेशनों के लिए टेंडर निकाला जा चुका है।

वहीं नए फूट ओवर ब्रिज और सभी प्लेटफॉर्म पर कोच/ट्रेन इंडिकेशन बोर्ड का कार्य भी अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है।
रेलवे के मुताबिक डेहरी ऑन सोन “ए” श्रेणी का स्टेशन है है लेकिन स्टेशन पर मौजूद यात्री सुविधाओं को देखकर शायद ही इस स्टेशन को कोई इसे “ए” श्रेणी का दर्जा देगा।

डेहरी ऑन सोन स्टेशन के साथ रेलवे का रवैया बेहद पक्षपात पूर्ण : स्थानीय लोग

डेहरी चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एवं CAIT शाहाबाद के अध्यक्ष बबल कश्यप ने कहा कि डेहरी स्टेशन से भारी संख्या में व्यवसायी, छात्र व रोजाना यात्रा करने वाले रेल यात्रियों का आवागमन होता है जिससे रेलवे को काफी ज्यादा राजस्व की प्राप्ति होती है। यह आंकड़ा सीधे तौर पर नेतृत्व की नाकामी और विकास के प्रति उनकी उदासीनता को दर्शाता है।

डालमियानगर निवासी राहुल चौधरी का कहना है कि लगातार कई वर्षों से राजस्व में डेहरी ऑन सोन स्टेशन गया और डीडीयू स्टेशन के बाद सबसे अधिक राजस्व देने वाला रहा है इसके बावजूद भी डेहरी स्टेशन पर मूलभूत यात्री सुविधा और महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव नही देना एक साजिश लगती है। इसके साथ साथ यह रेलवे अधिकारी और स्थानीय सांसद की उदासीनता को उजागर करता है। जबकि पिछले कई वर्षों से यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी एवं ट्रेनों के ठहराव हेतु कई पत्र लिखे गए है।

वहीं एक और स्थानीय निवासी पवन मिश्र का कहना है कि आज की तारीख में जो व्यवहार डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन के साथ हो रहा है ये व्यवहार अंग्रेजो के समय में किया जाता था। रेलवे प्रशासन सिर्फ राजस्व उगाही कर रहा है और कुछ नहीं, जो कि रेल यात्रियों के साथ सरासर नाइंसाफी है।

Follow Us On Facebook/Instagram/Twitter

फेसबुक पर हमारे साथ जुड़े-> Facebook

इंस्टाग्राम पर हमारे साथ जुड़े-> Instagram

ट्विटर पर हमारे साथ जुड़े-> Twitter

admin

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *