गया-डीडीयू के बाद सर्वाधिक राजस्व देने के बावजूद भी उपेक्षित है डेहरी रेलवे स्टेशन

गया-डीडीयू के बाद सर्वाधिक राजस्व देने के बावजूद भी उपेक्षित है डेहरी रेलवे स्टेशन

पूर्व मध्य रेलवे के डीडीयू मंडल में डीडीयू जंक्शन और गया जंक्शन के बाद डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन ने इस वर्ष 1 अप्रैल 2021 से 30 अक्टूबर 2021 तक सबसे अधिक राजस्व दिया है। हैरानी की बात यह है कि डेहरी ऑन सोन स्टेशन पर तमाम मूलभूत सुविधाओं की कमी है और कम ट्रेनों के ठहराव भी है इसके बावजूद भी डेहरी रेलवे स्टेशन ने बंपर राजस्व दिया है।

आरटीआई के जवाब से हुआ खुलासा, गया-डीडीयू रेलखंड पर डेहरी रेलवे स्टेशन ने दिया सबसे अधिक राजस्व

डेहरी निवासी इंद्रजीत कुमार के द्वारा आरटीआई में पूछे गए सवाल का जवाब पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय के असिस्टेंट कमर्शियल मैनेजर सह एपीआइओ के द्वारा उपलब्ध कराया गया। इस जवाब के अनुसार 1 अप्रैल से 30 अक्टूबर तक डेहरी ऑन सोन स्टेशन ने 16 करोड़ 47 लाख 52 हजार 707 रुपए का राजस्व दिया है। वहीं सासाराम में लगभग 6 जोड़ी अतिरिक्त ट्रेनों का ठहराव होने के बावजूद भी 12 करोड़ 92 लाख 80 हजार 281 रुपए का राजस्व दिया है।

आपको बता दें कि सासाराम में दुर्गियाना एक्सप्रेस, गरबा एक्सप्रेस, सियालदह-अमृतसर एक्सप्रेस, गोड्डा-नई दिल्ली हमसफर एक्सप्रेस, जसीडीह-पुणे एक्सप्रेस और आरा-रांची एक्सप्रेस जैसी अतिरिक्त ट्रेनों का ठहराव है। वहीं इन ट्रेनों का ठहराव डेहरी में नहीं है इसके बावजूद डेहरी ऑन सोन ने ज्यादा राजस्व दिया है।

गया-डीडीयू रेलखंड के बीच डेहरी रेलवे स्टेशन का राजस्व सबसे अधिक है

डेहरी ऑन सोन स्टेशन पर उपरोक्त ट्रेनों की मांग पिछले कई वर्षों से हो रही है लेकिन अभी तक इन ट्रेनों में एक भी ट्रेनों का ठहराव नहीं दिया गया है।

सर्वाधिक राजस्व के बावजूद डेहरी स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं की कमी

इतना ही नहीं डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन पर रेलवे द्वारा मूलभूत सुविधाओं को भी प्रदान नहीं किया है। अभी तक प्लेटफॉर्म संख्या 1 को छोड़कर सभी प्लेटफॉर्म की ऊंचाई रेलवे के मानक सतह से नीचा है जिससे आए दिन रेलयात्री ट्रेन में चढ़ने या उतरने के क्रम में दुर्घटना का शिकार होते है।

इसके अतिरिक्त डेहरी स्टेशन का टिकट बुकिंग घर सह प्रतीक्षालय काफी संकीर्ण है। डेहरी स्टेशन पर प्रतिदिन आने/जाने वाले यात्रियों की संख्या के अनुसार वेटिंग हॉल काफी पुराना और छोटा है जिससे यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

अभी तक कोच इंडिकेशन का कार्य पूरा नहीं होने के कारण यात्रियों को अपने आरक्षित कोच की पोजीशन ढूंढनें में परेशानी होती है। इस चक्कर में कई बार यात्रियों को भाग-दौड़ भी करना पड़ता है ऐसे में महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग यात्रियों को काफी दिक्कतें होती है।

रेलवे अधिकारियों के पक्षपातपूर्ण रवैये के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की कोशिशें पूरी तरीके से नाकामयाब रहीं है। यही कारण है कि डेहरी स्टेशन पर मूलभूत सुविधाओं समेत कोई भी नई ट्रेनों का ठहराव नहीं मिल सका है।

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